लखनऊ, मई 27 -- राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मंगलवार को नियामक आयोग में निजीकरण की वैधानिकता को चुनौती दी है। उपभोक्ता परिषद ने लोक महत्व का प्रस्ताव दाखिल करते हुए कहा कि पावर कॉरपोरेशन की निजीकरण की प्रक्रिया का कोई वैधानिक आधार नहीं है। निजीकरण से पहले आयोग को एक स्वतंत्र जांच करवा कर बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति पता करनी चाहिए। परिषद ने हरियाणा विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2015 में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 86(2)के तहत हरियाणा सरकार को भेजी गई सलाह को नजीर के तौर पर भी पेश किया है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि हरियाणा नियामक आयोग ने वर्ष 2015 में कैग की रिपोर्ट के आधार पर हरियाणा सरकार को निजीकरण की सिफारिश भेजी थी। साथ ही उसमें कई उपाय भी सुझाए थे। उन्होंने कहा कि जैसा हरियाणा नियामक आयोग ने किया ...
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