रांची, अक्टूबर 13 -- रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड पुलिस के काम करने के तरीके पर सोमवार को सवाल उठाते हुए कहा कि राजधानी रांची में एसएसपी, डीआईजी और आईजी जैसे उच्च-रैंकिंग अधिकारी हैं, लेकिन गोंदा और नामकुम थानों से जुड़े एक गंभीर आपराधिक मामले (आवेदिका खुशी तिवारी के अभ्यावेदन) की जांच समीक्षा करने की बारी आई, तो यह काम पुलिस डीआईजी(बजट) को सौंपा गया है। क्या डीजीपी की नजर में रांची में तैनात ये अधिकारी इतने सक्षम अधिकारी नहीं हैं कि उन्हें वित्तीय मामलों के डीआईजी को जांच का काम सौंपना पड़ा? यह पुलिस बल की अक्षमता और नियमों के घोर उल्लंघन का प्रमाण है। मरांडी ने कहा कि एक तरफ सरकार आईआरबी/जैप बटालियन की महिला आरक्षियों को उनके विशेष प्रशिक्षण के विपरीत, थानों में मुंशी (क्लर्...