नई दिल्ली, सितम्बर 18 -- केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पेंशन कोई 'उपहार नहीं है। भारतीय वायुसेना के नियमों के तहत सौतेली मां पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र नहीं है, क्योंकि वह कानून और रिश्ते दोनों ही नजरिये से प्राकृतिक मां से अलग है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ के समक्ष केंद्र ने कहा कि पेंशन हालांकि कोई उपहार नहीं है। केंद्र ने कहा कि पेंशन का लाभ चाहने वाले व्यक्ति को प्रावधानों या नियमों के तहत स्पष्ट अधिकार स्थापित करना होगा। केंद्र का यह रुख सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आया। आदेश में जयश्री वाई जोगी को विशेष पारिवारिक पेंशन देने से इनकार कर दिया गया था। दरअसल, जोगी ने दिवंगत, जो एक वायुसैनिक था, का पालन-पोषण छह साल की उम्र ...
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