नई दिल्ली, जुलाई 11 -- केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया एक सपना लेकर यमन पहुंची थीं और अपना ही एक क्लीनिक भी शुरू कर दिया था। लेकिन इस बीच उनके संपर्क में आए तलाल ने उनके सारे सपनों को खत्म कर दिया। उससे छुटकारा पाने में जुटी निमिषा से एक दिन ऐसी गलती हो गई कि वह मर गया। अब उसी केस में निमिषा प्रिया को सजा-ए-मौत दी गई है। यही नहीं इस सजा के लिए 16 जुलाई की तारीख भी तय हो गई है। दरअसल यह कहानी करीब डेढ़ दशक पहले से शुरू होती है। निमिषा प्रिया लगभग 20 साल की थीं और वह पहली बार यमन गई थीं। उनके पिता का बचपन में ही देहांत हो गया था और केरल में उन्होंने नर्स की ट्रेनिंग ली थी। वह कुछ और नहीं चाहती थीं, बस इतनी इच्छा थी कि अपने लेवल पर कुछ कर सकें। आसपास के बहुत से लोगों को मध्य पूर्व के देशों में जाते देख निमिषा प्रिया ने भी वही रास्ता चुन...
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