नई दिल्ली, मार्च 19 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों से निजी अस्पतालों द्वारा किसी भी तरह के मरीजों और उनके तीमारदारों को धोखा दिए जाने, अनुचित शुल्क लेने और उत्पीड़न से बचाने के लिए समुचित नीति बनाने को कहा है। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि 'इस मुद्दे पर हमारे लिए अनिवार्य निर्देश जारी करके हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा। जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा है कि यदि वह ऐसे निर्देश जारी करता है, तो इससे निजी क्षेत्र में अस्पतालों के विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है। पीठ ने कहा है कि इस मुद्दे को आदर्श रूप से राज्य सरकार की नीतियों के जरिए निपटाया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने 'नीति-निर्माता समग्र दृष्टिकोण अपनाने और आवश्यकतानुसार दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए सबसे बेहतर व सक्षम हैं, ...