बिजनौर, सितम्बर 11 -- आशाओं के सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने में रुचि न लेने की समीक्षा को पहुंचे नोडल ने यहां कई निजी अस्पतालों में छापेमारी की। बिना अधिकृत चिकित्सक के डिलीवरी व आप्रेशन के मरीज भर्ती मिले। निजी अस्पताल में भर्ती डिलीवरी वाली दो महिलाओं को आशाओं द्वारा सरकारी के बजाय यहां लाने की पुष्टि हुई। प्रकरण गंभीर देखते हुए नोडल डिप्टी सीएमओ ने सभी के विरुद्ध नियमानुसार न्यायालय में वाद दायर करने की बात कही। बुधवार को नोडल अधिकारी डिप्टी सीएमओ डा. अनिल कुमार की अगुआई में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सीएचसी का निरीक्षण किया गया। डा. अनिल कुमार ने बताया, कि सरकारी अस्पतालों में प्रसव के आंकड़े कम होने के लिए आशाओं की समीक्षा बैठक ली गई व चिकित्सक तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। इसके बाद निजी अस्पतालों म...