वाराणसी, नवम्बर 22 -- वाराणसी, संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से शनिवार को बिजली कार्यालयों पर निजीकरण के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का टेंडर प्रकाशित करने के पहले निजीकरण के आरएफपी डॉक्यूमेंट को सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्यूमेंट पर बिजली क्षेत्र में सबसे बड़े स्टेकहोल्डर्स किसानों, गरीब उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों की राय भी ली जाए। निजीकरण से 76500 बिजली कर्मचारियों की नौकरी जाने का खतरा है। इनमें लगभग 50 हजार अत्यंत अल्प वेतनभोगी संविदाकर्मी हैं और अन्य 26500 नियमित कर्मचारी है। वक्ताओं ने कहा कि बिजलीकर्मी पिछले एक साल से लगातार संघर्ष कर रहे हैं। निजीकरण का कोई भी निर्णय जबरदस्ती थोपने की कोश...