गोरखपुर, फरवरी 15 -- गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर शुक्रवार को यानी निजीकरण के विरोध कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। शुक्रवार को आंदोलन का 79वां दिन रहा। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों के हितों को देखते हुए निजीकरण की चल रही प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जाए। निजीकरण के बाद उपभोक्ताओं को तीन गुना महंगे दर पर बिजली मिलेगी। संघर्ष समिति के संयोजक पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि निजी कंपनी किसानों को मुफ्त बिजली नहीं देगी। इसका परिणाम यह होगा कि 7.5 हॉर्स पावर के ट्यूबवेल के मात्र छह घंटे चलाने पर 12 से 15 हजार रुपए प्रति माह का बिजली बिल देना पड़ेगा। गरीबी रेखा से नीचे के सभी उपभोक्ताओं की सब्सिडी समाप्त हो जाएगी। मुम्बई में निजीकरण के रहते घरेलू बिजली की दरें 17 स...