मैनपुरी, मई 22 -- उ.प्र. पावर कार्पोरेशन संविदा व निविदा कर्मचारी संगठन द्वारा निजीकरण व छठनी के विरोध में अधीक्षण अभियंता कार्यालय पावर हाऊस पर विरोध सभा का आयोजन किया गया। जिसमें समस्त कर्मचारियों ने निजीकरण को लेकर विरोध किया। मांग की है कि जो कर्मचारी निकाल दिए हैं उन्हें बहाल किया जाए व सभी निविदा संविदा कर्मचारियों का वेतन 18 हजार रुपये किया जाए। जिलाध्यक्ष सुबोध यादव ने कहा कि निजीकरण से बिजली कर्मचारियों के परिवार का भविष्य अंधकार में हैं। इससे उपभोक्ताओं का भी शोषण होगा व पूंजीपतियों का भला होगा। आम जनता को इसमें नुकसान होगा। अनिल कुमार यादव ने कहा कि संविदा कर्मचारियों को कम करने के संबंध में उच्च प्रबंधन की मांग की गई थी। संविदाकर्मी दिन, रात, धूप, बारिश में काम करते हैं। समय-समय पर सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएं। जिससे जानम...