लखनऊ, नवम्बर 17 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण प्रस्ताव में इस्तेमाल आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए इसे तत्काल रद्द करने की मांग की है। संघर्ष समिति ने मुख्य सचिव एसपी गोयल से मांग की है कि वह इस प्रस्ताव पर सहमति न दें। समिति ने एक बार फिर घोषणा की है कि निजीकरण का टेंडर निकलते ही बिजली कर्मचारी जेल भरो आंदोलन शुरू कर देंगे। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने मुंबई में बयान दिया था कि बिहार चुनाव के बाद ही निजीकरण का टेंडर जारी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों को घाटे में दिखाया जा रहा है जबकि सरकारी विभागों का बकाया और सब्सिडी की राशि जोड़ने के बाद पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम घाटे में नहीं हैं। वर्ष 2024 - 25 में पूर्वांचल व...