सोनभद्र, अक्टूबर 29 -- अनपरा,संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने 10 अक्टूबर को हुई ग्रुप आफ मिनिस्टर्स की मीटिंग में उत्तर प्रदेश सहित छह प्रान्तों में डिस्कॉम निजीकरण के तीन में से एक विकल्प चुनने अन्यथा के हालात में केन्द्रीय मदद बंद करने की चेतावनी की तीखी आलोचना की है। संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने कहा है कि निजीकरण का कोई विकल्प स्वीकार नहीं किया जाएगा और निजीकरण के हर स्वरूप का पुरजोर विरोध किया जाएगा। बताया कि जारी मिनिट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश सहित इन छह प्रान्तों के सामने पहला विकल्प यह होगा कि वे विद्युत वितरण निगमों की 51% इक्विटी निजी कंपनी को बेंच दे। दूसरे विकल्प के तौर पर विद्युत वितरण निगमों का प्रबंधन निजी क्षेत्र को दे दिया जाए। तीसरे विकल्प के तौर पर इन राज्यों की विद्युत वितरण कंपनियां की स्...