बुलंदशहर, मई 8 -- गुरुवार को निजीकरण के विरोध में बैनामा लेखक व अधिवक्ता उपनिबंधन कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। धरने के चलते करीब 30 लाख के राजस्व का नुकसान हुआ। लेखकों व अधिवक्ताओं ने उप निबंधक को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा। बैनामा लेखक संघ के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने बताया कि उपनिबंधन कार्यालय पर शासन द्वारा निजी कंपनी के माध्यम से निबंधन मित्रों की नियुक्ती किए जाने का निर्णय लिया गया है। निजी कंपनी के माध्यम से निबंधन मित्रों की नियुक्ती होने से बैनामा लेखक व अधिवक्ता बेरोजगार हो जाएंगे। उनकी मांग है कि निजीकरण के फैसले को तुरंत निरस्त किया जाए। यदि शासन निबंधन मित्रों की नियुक्ती करना चाहता है तो पूर्व से कार्य कर रहे दस्तावेज लेखकों, अधिवक्ताओं को प्राथमिकता दी जाए। कहा कि शासन का फैसला निस्त होने तक उनका धरना जारी रहेगा। इस अव...