लखनऊ, अगस्त 4 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध के 250 दिन सोमवार को पूरे हो गए। बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश भर में विरोध सभाएं करके निजीकरण के खिलाफ संघर्ष जारी रखने की घोषणा की है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि निजीकरण का प्रस्ताव और कर्मचारियों पर की गईं उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयां वापस होने तक तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने मध्यांचल विद्युत विरतण निगम कार्यालय के बाहर हुई विरोध सभा में कहा कि पावर कॉरपोरेशन का शीर्ष प्रबंधन की औद्योगिक समूहों के साथ मिलीभगत है। निजीकरण की कवायद बिजली कर्मचारियों के विरोध की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रही है, इसलिए वह हताश है और बिजली कर्मियों का उत्पीड़न कर रहा है। बिजली कर्मचारी हर अत्याचार ...
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