लखनऊ, जुलाई 26 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता। विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि पावर कॉरपोरेशन द्वारा प्रदेश की बिजली कंपनियों के 42 जनपदों के निजीकरण के लिए जिस ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्युमेंट (एसबीडी) के आधार पर पूरा मसौदा तैयार किया गया है, उसकी कोई लीगल वैधता नहीं है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जब कोई भी ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट जारी किया जाता है तो उसे पब्लिक डोमेन में लाकर आम जनता व स्टॉकहोल्डर से आपत्तियां व सुझाव मांगे जाते हैं। तभी उसकी कोई लीगल वैधता होती है। लेकिन पावर कॉरपोरेशन द्वारा जिस ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट अप्रैल 2025 के आधार पर प्रदेश में निजीकरण को आगे बढ़ाया जा रहा है, वह कहीं भी भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की वेबसाइट पर नहीं है और ना ही पब्लिक डोमेन में है। उन...