मेरठ, जुलाई 18 -- पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उपभोक्ता परिषद, उपभोक्ता संगठन, किसान संगठनों की बैठक हुई। कहा बिजली का निजीकरण किसी के हित में नहीं है। इस प्रस्ताव को तत्काल रद किया जाए। मांग की निजीकरण के प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग मंजूरी न दे। वक्ताओं ने कहा पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन घाटे के झूठे आंकड़े देकर निजीकरण करना चाहता है, जो स्वीकार्य नहीं है। संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के राजस्व वसूली, सरकार से मिलने वाली सब्सिडी और खर्चों का ब्योरा रखते हुए कहा दोनों निगम लाभ में हैं। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा झूठे आंकड़ों के बल पर निजीकरण कर उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का बोझ नहीं डाला जा सकता। उपभोक्ता पर...
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