लखनऊ, सितम्बर 27 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने निजीकरण की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन जवाब दे। अवधेश ने कहा कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपये बकाया है। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों पर यह बकाया तकरीबन 1600 करोड़ रुपये होगा। निजीकरण के बाद इस बकाया रकम की वापसी कौन करेगा? कॉरपोरेशन को यह भी साफ करना चाहिए कि क्या निजी कंपनियां किसानों को मुफ्त बिजली देगी? क्या सरकार इन कंपनियों को सब्सिडी देगी? पूर्वांचल और दक्षिणांचल में करीब 65,909 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं पर बिल का बकाया है। निजीकरण के बाद इस रकम की वसूली की क्या प्रक्रिया होगी? टोरेंट पावर को भी 2200 करोड़ रुपये वसूलने ...