लखनऊ वार्ता, अप्रैल 10 -- बिजली कंपनियों के निजीकरण का विरोध कर रही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने गुरुवार को सवाल उठाया कि वाराणसी में शुक्रवार को प्रधानमंत्री द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में सैकड़ों करोड़ रुपए की नई बिजली परियोजनाओं का शिलान्यास हो रहा है तो निजीकरण की प्रक्रिया क्यों चल रही है। इसके साथ ही मांग की कि ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट घोटाला सामने आने के बाद निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाये। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन के झूठे शपथ पत्र और तमाम फर्जी दस्तावेजों के उजागर होने के बाद संघर्ष समिति के इस आरोप की पुष्टि हो गई है कि निजीकरण की सारी प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। संघर्ष समिति ने बड़े पैमाने पर निजी घरानों से ऊर्जा निगमों में नि...