लखनऊ, सितम्बर 26 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने निजीकरण के लिए 36 सप्ताह का समय तय किया गया था। यह अवधि बीत गई है लेकिन निजीकरण पर फैसला नहीं हो सका। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन ने तय किया गया था कि 36 सप्ताह में डिस्कॉम निजी कंपनियों को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे। हालांकि, उपभोक्ता परिषद के विरोध और उठाए गए विधिक सवालों की वजह से पूरी प्रक्रिया फंस गई है। उन्होंने कहा कि निजीकरण का मसौदा तैयार करने के लिए आंकड़ों में खेल किया गया और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की साजिश रची गई। सभी मामले नियामक आयोग में विचाराधीन हैं। निजीकरण न तो जनता के हित में है और न ही सरकार के। कर्मचारियों का नुकसान होगा वह अलग है। निजीकरण से बिजली दरें बढ़ेंगी।

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