लखनऊ, मई 25 -- कार्य बहिष्कार में शामिल अभियंताओं और अन्य बिजली कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद बिजली कर्मचारी संगठन निजीकरण का विरोध रोकने को तैयार नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने यह जरूर साफ किया है कि उनके किसी भी विरोध प्रदर्शन से आम उपभोक्तओं को दिक्कत नहीं होगी। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने आरोप लगाया है कि पावर कॉरपोरेशन खुद ही हड़ताल थोपना चाहता है ताकि उसकी आड़ में निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सके। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि संघर्ष समिति ने हड़ताल की कोई नोटिस नहीं दी है, लेकिन कॉरपोरेशन प्रबंधन ऐसा ही माहौल बना रहा है। चेयरमैन हड़ताल का हवाला देकर निदेशकों को कार्य विस्तार देने में जुटे हैं। निदेशक (वित्त) निधि नारंग को तीसरी बार कार्य विस्तार दि...