लखनऊ, जून 22 -- राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मांग की है कि जैसे पहले की सरकारों ने निजीकरण का फैसला वापस लिया, ठीक उसी तरह यह सरकार भी वापस ले। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद ने निजीकरण प्रस्ताव में खामियां उजागर की थीं, अब नियामक आयोग ने भी कमियां निकाल कर प्रस्ताव वापस कर दिया है। लिहाजा सरकार को मान लेना चाहिए कि निजीकरण की आड़ में कुछ अधिकारी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की साजिश रच रहे हैं। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्ष 2006 में लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र माल, मलिहाबाद और काकोरी को निजी कंपनी को सौंपने का फैसला कैबिनेट ने पास किया था। तत्कालीन ऊर्जा मंत्री शिवपाल यादव हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया के कार्यक्रम में पहुंच भी गए थे। हालांकि, उपभोक्ता परिषद की याचिका पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने वाप...