बलरामपुर, मार्च 21 -- गैंड़ास बुजुर्ग, संवाददाता। माहे रमजान के तीसरे अशरे की फजीलत को बयान करते हुए मौलाना रिजवान अहमद जियाई कहते हैं कि शुक्रवार शाम पहली शब ए कद्र से माहे रमजान के तीसरे अशरे की शुरुआत हो चुकी है। मुकद्दस रमजान का महीना बेशुमार बरकतों वाला होता है। इस महीने में रोजेदारों पर अल्लाह तआला की बेशुमार रहमतें बरसती हैं। गुनाहों की माफी मांगने वाले के सारे गुनाह अल्लाह माफ कर देता है। मौलाना रिजवान अहमद जियाई ने कहा कि इस महीने के तीसरे अशरे में अल्लाह तआला की इबादत करने से जहनुन्म से आजादी मिलती है। तीसरा अशरा 20वें रोजे के मगरिब से शुरू होता है जो ईद का चांद दिखाई देने तक जारी रहता है। माहे रमजान के मुकद्दस महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है। इन तीनों हिस्सों का अपना महत्व बताया गया है। इन हिस्सों को तीन अशरों के नाम से जा...