उदयपुर, सितम्बर 29 -- राजस्थान के उदयपुर में राजसमंद के कुंभलगढ़ मोरचा गांव की तस्वीरें बच्चों की पढ़ाई पर सरकारी लापरवाही का कड़वा सच सामने ला रही हैं। यहां के बच्चे अब स्कूल नहीं बल्कि श्मशान घाट के बरामदे में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। हां, वहीं जगह जहाँ हर रोज चिता जलती है, अब वहां ही बच्चे अक्षर सीख रहे हैं। मामला है फराट का भीलवाड़ा सरकारी स्कूल और मोरचा गांव की बस्ती के बीच बहने वाले नाले का। बारिश के मौसम में यह नाला इतना उग्र हो जाता है कि बच्चों और बड़े दोनों के लिए पार करना खतरे से खाली नहीं। पिछले सालों में बारिश के तीन महीनों तक बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते थे। लेकिन इस बार, टीचर्स ने नाले को पार करने की बजाय बच्चों को नजदीकी श्मशान घाट में पढ़ाने का प्लान बनाया। टीचर दिनेश बैरवा ने बताया, "हमारे स्कूल में पांचवीं तक 38 बच्चे हैं...