सिद्धार्थ, नवम्बर 23 -- इटवा, हिन्दुस्तान संवाद। भनवापुर क्षेत्र के गागापुर गांव में शुरू हुए सात दिवसीय रामलीला के पहले दिन शुक्रवार की रात कलाकारों ने नारद मोह का सजीव मंचन किया। इसे देखकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। मंचन के दौरान हर दृश्य पर श्रद्धालुओं की तालियां गूंजती रहीं। कलाकारों ने दिखाया कि राजा दक्ष ने नारद को श्राप दिया कि वे किसी स्थान पर दो घड़ी से अधिक नहीं रुक सकेंगे। श्राप से मुक्ति पाने के लिए नारद ने कठोर तपस्या शुरू की। इस दौरान इंद्र और कामदेव ने उनकी तपस्या भंग करने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके। तपस्या पूरी होने के बाद नारद के मन में अहंकार जागा और वे क्षीर सागर पहुंचे। वहां उन्होंने भगवान विष्णु से कहा कि शिव ने केवल काम पर जीत हासिल की जबकि उन्होंने काम और क्रोध दोनों को वश में कर लिया है। नारद के अहंकार को शां...