प्रयागराज, अक्टूबर 7 -- प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। श्री श्री उत्तर मध्य रेलवे रामलीला कमेटी की ओर से मंगलवार को 'नारद मोह प्रसंग का भव्य मंचन किया गया। भक्तिमय वातावरण में नारद मुनि की तपस्या, कामदेव की हार और फिर अहंकारवश भगवान विष्णु को दिए गए श्राप के मंचन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नारद की तपस्या से इंद्र भयभीत होकर कामदेव को भेजते हैं, लेकिन कामदेव उनकी साधना भंग नहीं कर पाते। इससे नारद मुनि में अहंकार उत्पन्न होता है और वे अपनी विजय की चर्चा पहले ब्रह्मदेव, फिर भगवान शंकर और अंत में भगवान विष्णु से करते हैं। भगवान विष्णु उन्हें वानर मुख का वरदान देते हैं। जब नारद मुनि विश्वमोहिनी के स्वयंवर में इस रूप में पहुंचते हैं, तो उन्हें उपहास का सामना करना पड़ता है। क्रोधित होकर वे भगवान विष्णु को श्राप देते हैं कि वे भी पत्नी वियोग...