प्रयागराज, फरवरी 16 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि अपने नाम में परिवर्तन करना व्यक्ति का मौलिक अधिकार नहीं है। यह नियमों के अधीन है। यह केंद्र तथा राज्य सरकार की नीतियों के अनुसार संचालित होगा। याची द्वारा अपना नाम शाहनवाज से बदल कर मो. समीर राव करने की मांग के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने इस निर्णय के साथ एकल पीठ द्वारा नाम परिवर्तन करने को मौलिक अधिकार करार देने वाले निर्णय को रद्द कर दिया है। एकल पीठ ने 25 मई 2023 के आदेश से यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक के उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें उन्होंने याची शाहनवाज का नाम परिवर्तित करने का प्रार्थना पत्र रद्द कर दिया था। यूपी बोर्ड का कहना था कि नियमानुस...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.