नई दिल्ली, सितम्बर 30 -- बॉम्बे हाईकोर्ट ने 29 वर्षीय एक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म का मामला रद्द करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उसे केवल इसलिए पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोपों से मुक्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसने पीड़ित नाबालिग लड़की से शादी की थी और अब उनका एक बच्चा भी है। हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने 26 सितंबर को पारित आदेश में व्यक्ति की इस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि वह 17 वर्षीय लड़की के साथ सहमति से संबंध में था और उसने शादी का पंजीकरण तभी कराया, जब वह 18 वर्ष की हो गई। न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी फाल्के और न्यायमूर्ति नंदेश देशपांडे की पीठ ने कहा कि नाबालिगों के बीच या उनके साथ संबंध में तथ्यात्मक सहमति पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों के तहत अप्रासंगिक है। अदालत ने आरोपी व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा दायर अर्जी...