नई दिल्ली, अगस्त 11 -- -अदालत ने कहा कि लड़कियों की तरह लड़के भी संवेदनशील होते हैं नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। अदालत ने वर्ष 2019 में नाबालिग लड़के से कुकर्म के दोषी को 15 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनु अग्रवाल की अदालत ने दोषी को पॉक्सो अधिनियम की धारा छह और आईपीसी की धारा 377 के तहत सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि लड़के भी लड़कियों की तरह यौन शोषण और उत्पीड़न के प्रति संवेदनशील होते हैं। यह धारणा कि केवल लड़कियों के साथ ही यौन शोषण हो सकता है, यह केवल एक मिथक है। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक अरुण केवी ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट का हवाला दिया। इसके मुताबिक लगभग 54.68 प्रतिशत बाल यौन शोषण के पीड़ित लड़के होते हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों की तरह लड़के भी समान मानसिक आघात से गुजरत...