नई दिल्ली, नवम्बर 1 -- सुप्रीम कोर्ट ने दुर्लभ फैसले में एक व्यक्ति के खिलाफ चल रहे POCSO मामले को रद्द कर दिया। यह मामला उस शख्स से जुड़ा था जिसने नाबालिग लड़की से संबंध बनाए थे और बाद में उससे विवाह कर लिया। न्यायालय ने कहा कि यह अपराध वासना का नतीजा नहीं, बल्कि प्रेम का था। जज दीपांकर दत्ता और जज एजी मसीह की पीठ ने कहा कि पीड़िता अब आरोपी की पत्नी है। उसने खुद बताया कि वे विवाहित हैं, उनका एक साल का पुत्र है और वे सुखी जीवन जी रहे हैं। लड़की के पिता ने भी गुहार लगाई कि उनकी बेटी के पति के खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही समाप्त की जाए। यह भी पढ़ें- मैं किसी सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानूंगा, कहने वाले SHO पर भड़क गया SC पीठ ने कहा, 'हम जानते हैं कि अपराध केवल किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज के खिलाफ भी होता है। फिर भी न्याय करते ...
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