नई दिल्ली, मई 4 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। राजधानी में भाई-बहन के रिश्ते को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। तीस हजारी अदालत ने भाई को नाबालिग सगी बहन से दुष्कर्म का दोषी ठहराते हुए पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर पांच हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बबीता पुनिया की अदालत ने कहा कि दोषी ने पारिवारिक रिश्तों के सबसे पवित्र बंधन भाई-बहन के भरोसे को तोड़ने का अपराध किया है। अदालत ने इस बात पर भी चिंता जाहिर की कि पीड़िता को उसके ही परिवार ने सच बताने से रोकने का प्रयास किया। उसके बावजूद लड़की ने साहस दिखाया और पूरी घटना अदालत में बयां की। अदालत ने पीड़िता के साहस की सराहना की। अदालत ने पीड़िता को तीन लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि यह मुआवजा उनके शारीरिक और मान...
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