नई दिल्ली, अप्रैल 7 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। साकेत जिला अदालत ने साल 2016 में 16 वर्षीय नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के लिए एक शिक्षक को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनु अग्रवाल की अदालत ने उस व्यक्ति के खिलाफ सजा पर दलीलें सुनीं। अदालत ने कहा कि समग्र तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर, दोषी को पाक्सो अधिनियम की धारा छह के तहत दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई जाती है। ---- शिक्षक ने तोड़ा माता-पिता का भरोसा अतिरिक्त सरकारी वकील अरुण केवी ने कहा कि शिक्षक होने के कारण दोषी को किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं माना जा सकता। उसने नाबालिग पीड़िता के माता-पिता के भरोसे को तोड़ा, जिन्होंने लड़की को ट्यूशन के लिए उसके सेंटर में भेजा था। पीड़िता के वकील ने कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा कि उसे मानसिक आघ...