नई दिल्ली, मई 8 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। तीस हजारी कोर्ट ने 15 वर्षीय छात्रा के साथ दुष्कर्म और उसे गर्भवती करने के जुर्म में एक शिक्षक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने कहा कि दोषी ने अपनी भ्रष्ट संतुष्टि के लिए विश्वास का गलत फायदा उठाया। अदालत ने आरोपी को आईपीसी के तहत दुष्कर्म और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत गंभीर यौन हमले का दोषी ठहराया था। विशेष लोक अभियोजक आशीष काजल ने तर्क दिया कि दोषी शिक्षक पीड़िता का स्कूल में अभिभावक होने के साथ-साथ एक महान शिक्षण पेशे से जुड़ा हुआ है। अदालत ने कहा कि दोषी राजीव ने वर्ष 2016 में शिक्षक होने के बावजूद स्कूल में पीड़िता के साथ बार-बार दुष्कर्म किया। इस कृत्य के कारण नाबालिग गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को भी जन्म दिया।...