नई दिल्ली, अप्रैल 6 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। तीस हजारी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मुनीश गर्ग की अदालत ने 17 वर्षीय नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के दो आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। अदालत ने दो महिलाओं को भी आपराधिक रूप से धमकाने, जबरन घर में घुसने और लड़की को जानबूझकर चोट पहुंचाने के आरोप से बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि कथित पीड़िता और उसकी मां अपने बयान से पलट गईं। ऐसे में अदालत ने अभियोजन पक्ष के मामले को पूरी तरह से खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि लड़की ने तो आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया था लेकिन शिकायत में उसका बयान उसके गैर-सरकारी संस्थान के एक व्यक्ति द्वारा लिखा गया था, जिस पर उसने अनजाने में हस्ताक्षर कर दिए थे। आरोपी नाबालिग के रिश्तेदार थे और संयुक्त परिवार ...