हाजीपुर, मार्च 12 -- हाजीपुर। निज संवाददाता नगरीय क्षेत्र में लगभग 03 वर्षों पूर्व अनुसूचित जाति की एक नाबालिग बच्ची के साथ नौकरी का झांसा देकर दुष्कर्म के मामले मंगलवार को अदालत का फैसला आया। इस मामले में अदालत ने दोषी युवक को 10 साल सश्रम करावास की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थ दंड भी लगाया गया है। लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश ने नाबालिग से दुष्कर्म के इस मामले में पॉस्कों की दफा 4 के तहत दोषी युवक को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार रुपए अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड की राशि नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। यह जानकारी लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा ने दी है। उन्होंने बताया कि करीब तीन वर्ष पूर्व झारखंड की एक नाबालिग अनुसूच...