रामपुर, जून 18 -- रामपुर। कहीं चुनावी रंजिश तो कहीं मेड़ का विवाद...। धन का लालच तो कहीं वर्चस्व की जंग...। इन सबसे में कई बार लोग अपने नाबालिग बच्चों को हथियार बना रहे हैं और पॉक्सो एक्ट का दुरुपयोग करते हुए थानों में झूठे मुकदमे दर्ज करा रहे हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि पॉक्सो कोर्ट में विचाराधीन 98 मुकदमों के आंकड़े कह रहे हैं। ये वे मुकदमें हैं, जो ट्रायल के दौरान केस झूठा पाए जाने पर वादी या फिर वादी और गवाह दोनों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। ये केस अदालत में वर्तमान में न्यायिक प्रक्रिया के आधीन हैं। कानूनविदों की मानें तो दोष साबित होने पर इनके खिलाफ सात साल तक की सजा का प्रावधान है। जानें क्या है पॉक्सो एक्ट पॉक्सो एक्ट, जिसका पूरा नाम यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम है, जो दिल्ली के चर्चित निर्भया कांड के बाद 2012 में बनाया...