खूंटी, फरवरी 26 -- झारखंड के खूंटी के रनिया में पांच आदिवासी नाबालिगों से सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर डीजीपी अनुराग गुप्ता गंभीर हैं। केस में खूंटी पुलिस ने 14 से 17 साल के बीच के 18 आरोपियों को रिमांड होम भेजा है। उन्होंने निर्देश दिया है कि गंभीर अपराधों से जुड़े मामले में 16 से अधिक आयु के आरोपियों को बालिग मान कार्रवाई करें। डीजीपी ने कहा कि जेजे एक्ट की धारा 15 में इस बात का जिक्र है कि यदि कोई नाबालिग 16 साल से अधिक उम्र का हो, साथ ही उसने जघन्य अपराध को अंजाम दिया हो तो उसके खिलाफ बालिग की तरह कार्रवाई की जा सकती है। खूंटी पुलिस अब उसी अनुसार कार्रवाई कर रही है। इस मामले में कार्रवाई और जांच की मॉनिटरिंग डीजीपी के निर्देश पर एडीजी सुमन गुप्ता कर रही हैं। केस में आए तथ्यों के आधार पर वह आगे की दिशा-निर्देश जारी करेंगी। महिला और ब...