नैनीताल, सितम्बर 11 -- उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नाबालिगों के प्रेम प्रसंग से जुड़े मामलों में केवल लड़कों को ही हिरासत में लिए जाने और उन पर पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा चलाए जाने के चलन को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस्ट जी नरेंद्र और जस्टिस सुभाष उप्रेती की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका पर सुनवाई की। यह भी पढ़ें- शिकायतकर्ता को पीड़ित का दर्जा, सीधे कर सकेगा अपील; चेक बाउंस केस में HC याचिकाकर्ता वकील मनीषा भंडारी ने दलील दी कि कम उम्र के प्रेम प्रसंग के मामलों में हमेशा लड़कों को ही दोषी ठहराया जाता है, भले ही वे लड़की से उम्र में छोटे क्यों न हों। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में प्रायः लड़का ही यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत अभियोजन का सामना करता है तथा स्कूल...