लखीमपुरखीरी, दिसम्बर 1 -- लखीमपुर, संवाददाता। एफआरके (फोर्टिफाइड राइस कर्नेल) की वजह से धान की खरीद ऐसी लड़खड़ाई कि दो महीने में महज 56 हजार एमटी ही खरीद हो सकी है। जबकि जिले का लक्ष्य दो लाख एमटी से ज्यादा खरीद का है। धान खरीद केन्द्रों पर किसान पहुंच रहे हैं लेकिन वहां पहले से ही धान का स्टाक होने के कारण खरीद में बाधा आ रही है। धान खरीद केन्द्रों से धान राइस मिलों को नहीं जा पा रहा है। अब भारत सरकार से नान एफआरके चावल आपूर्ति की परमिशन मांगी गई है। परमिशन मिलने के बाद ही राइस मिलों का काम तेज हो सकेगा। समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के बाद क्रय केन्द्र से निर्धारित राइस मिल को भेजा जाता है। राइस मिल चावल निकालकर इसमें निर्धारित मात्रा में एफआरके मिलाकर एफसीआई को भेजती हैं। राइस मिलों को एफआरके नहीं मिल पा रहा है जिससे राइस मिलर्स भी परेशान...
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