चित्रकूट, मार्च 12 -- चित्रकूट, संवाददाता। ग्रामोदय विश्वविद्यालय के वाल्मीकि सभागार में बीए कर्मयोगी विषय पर आयोजित कार्यशाला में विचार मंथन हुआ। जिसमें विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा समेत अन्य विद्वतजनों ने विचार मंथन कर अपने व्यावहारिक अनुभव साझा किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने भारत रत्न राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख को कर्मयोगी निरूपित करते हुए आवाहन किया कि नाना जी के आदर्शों के अनुसार चलें। कहा कि हर वह व्यक्ति कर्मयोगी हैं, जो अपने जीवन के सभी कार्य स्वयं कर रहा है। उन्होंने कहा कि नि:स्वार्थ भाव से सामाजिक कार्य करना चाहिए। स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम विकास आदि कार्यों को अपने जीवन का लक्ष्य बनाएं। कुलगुरु ने कर्म के साथ योग को अपनाने की सलाह दी। संयोजन कर रहे विज्ञान और पर्यावरण संकाय के अधिष्ठाता...