बेगुसराय, मार्च 27 -- बेगूसराय, हमारे प्रतिनिधि। आशीर्वाद रंगमंडल के तत्वावधान में बुधवार को कला संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से दिनकर कला भवन में आयोजित 10वां राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव संपन्न हुआ। महोत्सव के अंतिम दिन हमिदाबाई की कोठी नाटक का मंचन किया गया। इसका निर्देशन अभिजीत चौधरी ने किया। नाटक के मूल लेखक अनिल बर्वे हैं। हिन्दी अनुवाद धनश्री डेवलीकर ने किया। हमिदाबाई की कोठी भारत में क्लासिक तवायफ परंपरा का प्रतीक है। हमीदाबाई जी एक निपुण तवायफ थीं। उनकी गायकी उस समय किसी से भी बेमिसाल और अद्वितीय थी। जिसने उन्हें शिखर पर पहुंचाया। कोठी को न केवल नाम और शोहरत मिली, बरिक रुतबा भी मिला। इसे सबसे ज्यादा सम्मान मिला। रामय बदलता है और हमिदाबाई की कोठी भी बदल गई। ग्रामोफोन और फिल्मों के आगमन के साथ, दर्शकों ने महंगी कोठियों से बाहर ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.