दिल्ली, जून 3 -- 20वीं सदी की शुरुआत में जर्मनी में सार्वजनिक तौर पर वह एक समलैंगिक रिश्ते में रही और बाद में अपने विशेषाधिकार, संसाधन और साहस का इस्तेमाल कर उन्होंने कई यहूदी परिवारों को नाजी शासन के अत्याचार से बचाया.द्वितीय विश्व युद्ध के इतिहास में शायद ही किसी ने सोचा होगा कि गद्दी से हटाए गए एक शाही परिवार की ब्रिटिश मूल की सिख राजकुमारी ना सिर्फ नाजी जर्मनी के खिलाफ विरोध करेगी, बल्कि उस दौर में एक महिला साथी के साथ खुलकर जीवन भी जीएंगी.वह भी ऐसे समय में जब एलजीबीटीक्यू+ अधिकारों को ना तो मान्यता थी और ना ही समाज में स्वीकृति.लेकिन राजकुमारी कैथरीन हिल्डा दलीप सिंह ने ठीक यही किया.सिख साम्राज्य के अंतिम महाराजा की बेटी कैथरीन ने अपना रास्ता खुद बनाया और सामाजिक नियमों को खुलकर चुनौती दी.उनकी पहचान हाल ही में सामने आई है.ब्रिटिश जीव...
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