लखीमपुरखीरी, जुलाई 22 -- नाग पंचमी 29 जुलाई को चन्द्रकला आश्रम, संस्कृत विद्यापीठ देवकली तीर्थ स्थल में कालसर्प योग दोष शांति महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। इस महायज्ञ का आयोजन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा। आश्रम के महंत प्रमोद जी महराज का कहना है कि कालसर्प योग दोष मुख्यतः 12 प्रकार का होता है और इसके विभिन्न रूपों को जोड़कर यह 3456 प्रकार का होता है।जिन जातकों के जन्मकुंडली में कालसर्प योग दोष विद्यमान होता हैं वह विकास के सभी मार्ग भटका रहता है। दैनिक जीवन में तमाम प्रकार की समस्याओं से घिरा रहता है। ऐसे जातकों को कालसर्प योग दोष शांति करवाना आवश्यक होता है। जिससे वह अपने दैनिक जीवन में अर्थ, धर्म, काम तथा मोक्ष की प्राप्ति कर सके।

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