प्रयागराज, अक्टूबर 18 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध रूप से निरुद्ध शाने अली व रश्मि को स्वतंत्र कर दिया है और कहा कि दोनों बालिग हैं, वे जहां चाहे अपनी मर्जी से जाने के लिए स्वतंत्र हैं। कोर्ट ने बिना कानूनी प्राधिकार रश्मि व शाने अली की अभिरक्षा में रखने की पुलिस कार्यवाही को अवैध व जीवन के मूल अधिकारों का उल्लघंन करार दिया है और एसएसपी अलीगढ़ को उक्त पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच करने और एक माह में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सामाजिक तनाव व सामाजिक दबाव के कारण किसी नागरिक की निरुद्धि को उचित नहीं ठहराया जा सकता। सामाजिक दबाव में निरुद्धि गैर कानूनी है। कोर्ट ने कहा कि गणतांत्रिक देश में कानून का शासन होता है। समाज के दबाव में शासन काम नहीं करता। राज्य व कानून लागू करने वाले तंत्र से उम्मीद की जाती है कि ...