लखीसराय, जुलाई 15 -- देशभर में पहलवानी का केंद्र था बड़हिया : बड़हिया को कभी राज्य ही नहीं बल्की पूरे देशभर में पहलवानी का केंद्र माना जाता था, जो बीते ढाई दशकों से धुंधली होती जा रही है। 90 के दशक में लगभग दो दर्जन से अधिक अखाड़ों वाला यह क्षेत्र कई विशाल दंगल प्रतियोगिताओं का गवाह भी रहा है। लोगों ने सरकार से इसे फिर से जीवित करने की मांग की है। प्रस्तुति : दिग्विजय कुमार, बड़हिया। नागपंचमी का नाम सुनते ही बड़हिया की माटी में गूंजने वाले दंगल, दमखम दिखाते पहलवान और अखाड़ों में बहता पसीना आज भी बुजुर्गों की आंखों में तस्वीर बनकर उभर आता है। सैंकड़ों वर्षों से नागपंचमी का त्योहार सिर्फ धार्मिक आस्था का नहीं, बल्कि कुश्ती कौशल और परंपरा का प्रतीक रहा है। परंतु बीते ढाई दशक में वह तस्वीर धीरे-धीरे धुंधली होती चली गई है। बड़हिया, जो कभी बिहा...