हापुड़, नवम्बर 26 -- बारातघर और बैंक्वेट हॉल में इन दिनों सजावट, संगीत और मेहमानों की भीड़ तो है, पर इसी चकाचौंध के पीछे ऐसी कड़वी सच्चाई भी छिपी है, जिसका वास्ता सीधे भूख से है। शादी-ब्याह में इतना भोजन बर्बाद हो रहा है, जिससे सैकड़ों लोगों का पेट भर जाए। हर सीजन में क्षेत्र में औसतन 1200 से अधिक शादियां होती हैं। एक ओर दावतों में डोंगे खाली होते देख मेजबान की सांसें अटक जाती हैं, वहीं दूसरी ओर टेंट के पीछे बीस से ज्यादा डस्टबिन आधे खाए व्यंजनों से भरते जाते हैं। कहीं ठंडी बिरयानी पड़ी है, कहीं अधखाया गुलाब जामुन और सूखती पूरियां। खुशियों की इन रातों के पीछे हर आयोजन में यही सच्चाई दोहराई जा रही है। वहीं, यदि एक भी पूरी कम पड़ जाए तो मेजबान को मुंह छिपाने की नौबत आ जाती है। सफाई विभाग के मुताबिक इन महीनों में गीले कचरे की मात्रा सामान्य ...
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