गंगापार, मार्च 8 -- राजस्व कर्मियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते मांडा का समाधान दिवस पूरी तरह औपचारिकता बन कर रह गया है। लेखपालों के न आने से राजस्व संबंधी किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो पाता, जिससे फरियादियों की संख्या भी मांडा में अब बेहद कम होने लगी है। प्रार्थना पत्रों की संख्या मांडा के समाधान दिवस में दहाई में भी नहीं पहुंच पाती। शनिवार को मांडा थाने पर आयोजित समाधान दिवस में नायब तहसीलदार मांडा यमुना प्रसाद वर्मा, एक कानूनगो और केवल चार लेखपाल आ पाये, जिनमें दो लेखपाल कोरांव क्षेत्र के रहे । मांडा थाना क्षेत्र की डेढ़ दर्जन ग्राम पंचायतें कोरांव तहसील से संबंधित हैं। कोरांव तहसील से मात्र दो लेखपाल मांडा के समाधान दिवस में आये थे। समाधान दिवस की अध्यक्षता मांडा थाने के इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह ने किया। कुछ देर के लिए नायब तहसील...