देहरादून, अगस्त 5 -- हरिद्वार निवासी महिला की नसबंदी के बावूजद बेटी हुई। महिला ने इसे ऑपरेशन में लापरवाही बताते हुए जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत की। फैसला महिला के हक में आया और 13 लाख रुपये मुआवजा महिला को बच्ची के पालन-पोषण और शिक्षा के लिए मिलने थे। फैसले के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील हुई, तो आयोग ने अपने आदेश में कहा कि ऑपरेशन की विफलता में डॉक्टर की लापरवाही साबित नहीं हो पाई, इसलिए मुआवजा नहीं दिया जा सकता। महिला ने 2017 में हरिद्वार के तत्कालीन सीएमओ और मैट्रो हॉस्पिटल एंड हॉर्ट इंस्टीट्यूट सिडकुल, डॉ.तारूश्री के खिलाफ वाद दायर किया था। महिला के मुताबिक मैट्रो अस्पताल में डॉ.तारूश्री ने 7 नवंबर 2015 को उसकी नसंबदी का ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के एक साल 10 महीने बाद उसने बेटी को जन्म दिया। महिला ने प्रसव पर आए खर्च, मानसिक पीड...