सासाराम, मई 31 -- रोहतास, एक संवाददाता। प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में नशे का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। जिस कारण युवाओं का जीवन धीरे-धीरे अंधकारमय हो रहा है। इसका प्रमुख कारण है कि नशीले पदार्थों का आसानी से उपलब्ध हो जाना। जिससे युवा पीढ़ी नशे के चंगुल में तेजी से फंस रही। बताया जाता है कि बिहार में शराब बंदी लागू हुए करीब आठ साल गुजर गए हैं। इन आठ वर्षों में बिहार में एक ओर जहां शराब पर पाबंदी रही, वहीं दूसरे नशे का चलन तेजी से बढ़ा है। हालांकि शराब के साथ तमाम प्रकार के नशीले पदार्थों की बिक्री पर मनाही है। लेकिन, शराब को छोड़कर दूसरे नशा करते पकड़े जाने पर जेल जाने का भय नहीं रहता है। इस कारण दूसरे नशों का इस्तेमाल कर अधिक युवा पीढ़ी बर्बाद हो रहे हैं। बताया जाता है कि युवा पीढ़ी दवा के रूप में प्रयोग होने वाली कोडिन युक्त कफ सिरप...