रामपुर, नवम्बर 19 -- दो पैनकार्ड मामले में सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सलाखों के पीछे पहुंचाने में आजम के धुर-विरोधी नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां की इलेक्शन पिटीशन और परिवाद नजीर बना, जिसके आधार पर कोर्ट ने माना कि सिविल मैटर फौजदारी मामलों पर फाइंडिंग है। मालूम हो कि आजम खां ने अपने छोटे बेटे अब्दुल्ला आजम को 2017 के विधानसभा चुनाव में सियासी मैदान में उतारा था। हालांकि उस वक्त उनकी उम्र विधानसभा चुनाव के लिए 25 साल पूरी नहीं थी। इसलिए दूसरा जन्म प्रमाणपत्र बनवा लिया गया, जिसमें करीब तीन साल का अंतर है। अब्दुल्ला आजम का पहला जन्म प्रमाणपत्र लखनऊ नगर निगम से जारी किया गया था, जिसमें उनकी जन्म का वर्ष 1993 है, जबकि रामपुर नगर पालिका से जारी किया गए जन्मप्रमाण पत्र में 1990 है। इस तरह उनकी उम्र चुनाव के लिए पूरी हो ...