नवादा, अक्टूबर 8 -- नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा जिले में पलायन की समस्या दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है। गांवों से शहरों और दूसरे राज्यों की ओर लोगों का रुख थमने का नाम नहीं ले रहा है। काम की तलाश में रोजाना दर्जनों लोग बसों, ट्रेनों और निजी वाहनों से दिल्ली, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और मद्रास तक जा रहे हैं। यह सिर्फ आर्थिक पलायन नहीं, बल्कि एक सामाजिक विडंबना बन चुका है, जिसमें गांवों की रौनक, खेतों की हरियाली और परिवारों की एकजुटता सब कुछ धीरे-धीरे खत्म हो रही है। लगता है जैसे गांव की रूह ही चली गई हो। यह बातें आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान द्वारा आयोजित चाय चौपाल के क्रम में आम लोगों ने कही। सभी प्रजातंत्र चौक पर चौपाल में शामिल थे। मौके पर लोगों ने कहा कि नवादा का हर दूसरा घर किसी न किसी प्रवासी मजदूर से जुड़ा है। गांवों में अ...