नई दिल्ली, सितम्बर 25 -- नवरात्र में मां के नौ रूपों की अराधना होती है। इन नौ दिनों में देवी के दुर्गासप्तशती पाठ की महत्ता का गुणगान किया जाता है। श्री दुर्गासप्तशती की रचना ऋषि मार्कण्डेय ने मार्कण्डेय पुराण में की थी। अगर दुर्गा सप्तशती का पाठ कर लिया है तो इसका लाभ लेने के लिए देवी कवच, अर्गला स्तोत्र और कीलक मंत्र पढ़ें। लेकिन अंत में देवी सूक्तम जरूर करें।समय कम हो तो ये अध्याय करें श्री दुर्गा सप्तशती में तेरह अध्याय हैं। हर पाठ का अपना महत्व है। नवरात्र के नौ दिनों में बड़े आराम से आप नौ अध्याय पढ़ सकते हैं। अगर आप संपूर्ण पाठ नहीं कर पा रहे हैं, तो आप पांचवा, सातवां, आठवां और ग्यारह में से किसी एक का पाठ कर सकते हैं। इन पाठों को करने से आपको लाभ होगा। नीचे पढ़कर आप इन पाठों का महत्व जान सकते हैं।दुर्गासप्तशती के हर पाठ का महत्व प...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.